कितने है आप महान
मेरे तात
आपके अमोल है खेत
आपके है लाखो उपकार
हम करे श्रद्धा से नमस्कार।
आपने पैदा किया
पैदावार को बढ़ावा दिया
पर मौके का फायदा नहीं उठाया
फायदा बिचौलिया ले गया।
आप नहीं बेचना चाहते सीधा
जो मिला उसे लेकर पहुंचा सीधा घर
बैंक से कर्ज लिया ज्यादा
सोच लिया जैसे वो थी अपनी संपदा।
धधा धंधा ही होता है
वो बाजार पे आधारित होता है
कम पैदावार होने से ज्यादा भाव मिलता है
ज्यादा होने से दाम गिर जाते है।
काम बारिश का होना और साकार पर ठीकरा फोड़ना अच्छा नहीं
राजकारणी कहे तब रास्ते पर आ जाना और आगजनी करना सही नही
एक तरफ तो आप अपने कर्ज से मुक्ति चाहते है
और दुरी तरह सार्वजनिक सम्पति को जलाते है।
लोगो की आप नाराजगी बटोरते है
कई लोग भूखे पेट सोते है
आपने सारा दूध ज़मीन पर बहां दिया
अपनी उपज को मिटी में मिला दिया।
'आपका मोत को गले लगाना' देश के विशवास को हिलाना था
पोलिस को निशाना बनाकर आगजनी करना धिनौना खेल था
कितने मासूम मर गए इस बेतुकी हरकत से?
सब को फ़ोकट और सरकार से सब चाहिए तो बाज आए अपने ऐसे तरीकों से।
सोचेंगे जिस से जगत का तात अमनचैन से रहे
पानी के बांध और नहरों का जमावड़ा बने
पैदावार बारहो माह मिलती रहे।
अपने आपको मायूस नहीं होने देना है
अपने बच्चो को पढाकर आगेका सोचना है
जमीं तो देती रहेगी अपना योगदान
आप सोचे आज 'कितने है आप महान '
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Aasha Sharma Thank you Hasmukh Mehta ji for appreciation. Like · Reply · 1 · 1 hr