कोई ना हो बेबस
यही समस्या है
रात में भी कठिन अमावस्या है
जड़े कितनी अंदर तक फैली हुई है
भारतीय संस्कृति आज कितनी मैली हुई है?
आप किसे किसे जयचंद करार दोगे?
हजारों युही ढूंढने से मिल जाएंगे
उनसे देश को बचाना हम सब का दर्द है
सब ही देशवासियों को सतर्क और मर्द बनना है।
ना कोई बच सका है ना कोई बचेगा
हिन्दवासियों को हिसाब देना पडेगा
देश के इन गद्दारों को वापस आना पडेगा
कारागार की सलाखों के पीछे अवश्य जाना पडेगा।
जब देश के अंदर इतने आतंकवादी पल रहे हो तो बाहर की क्या जरुरत है?
वो तो मारकर चले जाते है पर ये तो पूरी नफरत फैलाते है
देश में ये लोग दीमक की तरह फैले है
बाकी लोगों को तो खाने के भी लाले है।
सब्र का फल मीठा होता है
पहले पहले लोगोका झुकाव मंदा होता है
पर ये निर्णय दुखदायी नहीं है
किसी भी नजरिये से आततायी नहीं है।
देश के बाहर भाग जाने से कोई बच नहीं सकता
कितना भी चमरबंध हो कायदे से पर नहीं हो सकता
लोगों के सामने उपस्थित होना पडेगा
पाई पाई देश के खजाने में जमा करवाने लाना पडेगा।
कई लोग बहरी ताकतों को मदद कर रहे है
अपने आपको आम आदमी के मददगार केहलवा रहे है
असल में उनका काम देश में अराजकता फैलाना है
विदेशो से फंड चंदे के रूप में लाकर अपना हीत साधना है।
फन फैलाये इन नागों को कुचलना है
इतने सालों से अड़ंगा जमाएं लोगों को बाहर करना है
फिर देखना आम जनता कितना सुकून महसूस करती है?
इतने साल का निचोड़ सामने देखकर अफ़सोस करती है।
में कामना करता हूँ दिन के उजाले की
कम करना है भूमिका दलालों की
गरीब का पैसा गरीब के पास
कोई ना हो बेबस और अपने मकसद में नासीपास।
welcome bhikhabhai chaudhary Unlike · Reply · 1 · Just now
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में कामना करता हूँ दिन के उजाले की कम करना है भूमिका दलालों की गरीब का पैसा गरीब के पास कोई ना हो बेबस और अपने मकसद में नासीपास।