करते रहो वंदना
Sunday, March 11,2018
6: 57 AM
करते रहो वंदना
इश्क़ ही कोई अजमाइश नहीं
ना मिली तो कोई शिकायत नहीं
शिकवा करना कोई इंसानियत नहीं
उसका भला चाहो, ऐसी कोई बंदगी नहीं।
प्रभु का ये वरदान है
तपस्या के बाद मिला दान है
कोई किस्मतवाले को ही नसीब होता है
बसनसीब ही उसको खो देता है।
कहते है, जिसपर हो जाए प्रभु मेहरबान
उसकी बढ़ जाती है आन, बान और शान
उसकी कश्ती को समाल लेते है भगवान्
बस आप ना करो गुस्ताखी और अभिमान।
प्रेम का करो सन्मान
आपको होगा आत्मज्ञान
प्रेम माँगता है बलिदान
मिल जाए तो आप जो हाय नसीबवान।
करो मन से ऐसी वांछना
कभी ना रखो ऐसी अभ्यर्थना
मिल जाय तो ना करो छलना
उसके सुख के लिए करते रहो वंदना।
करो मन से ऐसी वांछना कभी ना रखो ऐसी अभ्यर्थना मिल जाय तो ना करो छलना उसके सुख के लिए करते रहो वंदना।
This poem has not been translated into any other language yet.
I would like to translate this poem
welcome rajesh donga Manage Like · Reply · 1m · Edited