कुछ तो खा
कई दिनों तक किसी ने उसका मुंह नहीं देखा
किसी ने मुझे नहीं पूछा 'कुछ तो खा '
नन्ही जान जो आइ थी घर में लक्ष्मी जी के रूप में
सब गमगीन थे मानो और में पड़ी थी चुपचाप अपने रुम में
बहुत ही सुन्दर रंग रुप और नैनाकर
घर में आगमन हुआ था रत्नाकार
घर में खाना भी मुश्किल से हो पाता था
फिर भी बेटे के आने का इन्तेजार था।
दिन हमारे अच्छे आने लगे
घर में पैसे बराबर आने लगे
जैसे लक्ष्मी जी का पदार्पण हुआ था
घर में उसका आगमन सब को अच्छा लगने लगा था।
हम कौन होते है लिंग परिक्षण कराने वाले?
उसको संसार में आने से रोकने वाले
हमारा अधिकार बहुत ही सिमित है
यह सब तो प्रभु निर्मित है।
उसका बैठना, घूमना एक आशीर्वाद है
उसकी पाशच्यादभूमिका निर्विवाद है
जितना हम जल्दी जान ले उतना ही श्रेयकारक है
उनके ऊपर अत्याचार एक घातक निशानी है।
माँ सोचती रहती है
अपने आप बोलती रहती है
क्यों फर्क रखते है हम जब दोनों नयन समान है
ये तो नासमज का काम और भगवान् का अपमान है।
आज करे हम सब एक निश्चय
और दे अपना असली परिचय
हम है उसके अधीन हर फैसले में
क्यों हम जीते है जीवन के अँधेरे में?
छोटी सी बच्ची जिसने अभी बोलना भी सीखा बही ठीक से
उसको उठा लिया और बाज़ नहीं आए हवस से!
मार दिया और फेंक दिया एक नाले में
ये क्या तुक है जो हम इंसानियत को शर्मिंदा कर रहे है!
हमारा उदभव स्थान वहां से है
दैवी मा का हमपर वरदान है
हमें आज ऋण चुकाना है
उसका हर बोल हमें आशीर्वाद के रूप में सरपर चढ़ाना है।
welcome rajkumar gohel Unlike · Reply · 1 · Just now
Dharam Singh वाहहहहहहहहहहहह Vāhahahahahahahahahahahaha Automatically translated Unlike · Reply · 1 · Just now
welcome ranjitsinh parmar Unlike · Reply · 1 · Just now
welcome akhilesh pandey Unlike · Reply · 1 · Just now
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welcome rupal bhandari Unlike · Reply · 1 · Just now