लाजवाब बहाना
मेरा दिल चंचल हो उठता है
मेरी हर ख़ुशी के लिए उसका दिल मचलता है
यहाँ तक की वो कसम भी खा लेती है
'खा ले वरना तेरी माँ की कसम'कहकर मनमानी करती है।
तू क्या करेगी ससुराल जाकर?
मेरा नाम क रोशन करेगी बारबार
'मम्मी ने क्या सीखाया है' आरोप लगेंगे तुझपर
तेरी हर चीज़ रहेगी ताकपर।
वो हरदम मेरी फ़िक्र करती रहती है
कभी हंस पड़ती है तो कभी घुमसम सी रहती है
मानो उसका जीवन मेरे इर्दगिर्द घूमता रहता है
मुझे देखने के बाद ही हंसता रहता है।
बारबार सामने आ जाती है
'ये खाले, ये खाले' कहकर रुआंसी हो जाती है
मेभी उसकी बातों में आ जाती हूँ
और फिर में खाने लग जाती हूँ।
में उसकी तारीफ नहीं करती
और बारबार 'उफ़ उफ़ ' कहकर मुह फेर लेती
फिर आ जाती मुझे दया उसके चेहरे को देखकर
में चुपचाप पहुँच जाती नजदीक सरककर।
माँ बेटी का यह रिश्ता बहुत नाजुक है
और अपने आप में अदभुत है
इसी को शायद कुदरत का नमुना कहते है
ममता का लाजवाब बहाना कहते है।
माँ बेटी का यह रिश्ता बहुत नाजुक है और अपने आप में अदभुत है इसी को शायद कुदरत का नमुना कहते है ममता का लाजवाब बहाना कहते है।
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bahut hi lajawab....hota haimaa beti ka rishta....