मधुरता
बुधवार, ५ दिसम्बर २०१८
ना ही रोना पडेगा
और नाही सोचना पड़ेगा
प्रेम तो एक इबादत है
हमें उसकी आदत डालना है।
नाही प्रेम में कोई नालेषी है
और नाही आपका कोई हितेषी है
वो तो प्रभु की एक भेट हो
जो आपको सौगाद में मिली है
नहीं, प्रेम के हम बराबर के भागी
और जीवन में हमेशा के साथी
एक दूसरे का साथ निभाने
और एक दूसरे के काम आने।
एक तरफा प्यार "प्यार" नहीं केहलाता
वो बाद में दुःख ही दुःख को लाता
एक दूसरे को हम समाज ही नहीं पाते
और जीवनभर एक दूसरे को कोसते।
इंतेझार हो दोनों और से
साझेदारी भी हो दोनों और से
तभी तो प्यार रंग लाएगा
जीवन में मधुरता दिखाएगा
हसमुख मेहता
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इंतेझार हो दोनों और से साझेदारी भी हो दोनों और से तभी तो प्यार रंग लाएगा जीवन में मधुरता दिखाएगा हसमुख मेहता
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Maria Elena Vicente Beautiful poem 1 Manage Like · Reply · 5m