मैंने सांस में सांस ली
क्यों आती है बारबार?
अपनी हाजरी लगाती है दरबार
ना कोई न्योता,ना कोई दावत
नाही है हमारी कोई अदावत! !
बिन बुलाया मेहमान
तु मान या ना मान
मैं तो आउंगी बिन बुलाए
और ना जाउंगी बिन रुलाए।
उत्पात मचा कर ही रहूँगी
सब को कहती फिरूंगी
ना कर ऐसी नादानगी
तू ना कर सकेगी मेरी रवानगी।
में उसी के घर में रहती हूँ
जहां अशांति का बोलबाला हो
प्रेम के आसार कम और टूटनेके ज्यादा
वहां ही में हो हूँ में आमादा।
मैंने रातभर डालना है डेरा
गुम हो जाना जैसे ही होता है सवेरा
छोड़ जाना पीछे गम का छाया
और ऐसीकहानी को सबको बताया।
चन्दा को सब प्यार करते
मुझे सब झुठलाते
पर में हार नहीं माननेवाली
मेरा हुन्नर सब को बतानेवाली
"रुक जा, में तुझे नहीं छोड़नेवाली " मैंने भी ललकारा
उसने भी सोचा "अब कर लो किनारा "
नहीं आउंगी लौटके दोबारा
मैंने सांस में सांस ली और वो कर गई पोबारा।
welcome Nidhi Bhakuni Wow...Superb sir 1 Manage Like · Reply · 1m
रुक जा, में तुझे नहीं छोड़नेवाली मैंने भी ललकारा उसने भी सोचा अब कर लो किनारा नहीं आउंगी लौटके दोबारा मैंने सांस में सांस ली और वो कर गई पोबारा।
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Nidhi Bhakuni Thanku sir 1 Manage Like · Reply · 2m