मेरे दिल की बात - कोई कहे...
- - - - - राकेश गुप्ता
कोई कहे,
तू समझता नहीं.
कोई कहे,
तू कुछ कर सकता नहीं.
कोई कहे,
तू घमंडी हो गया.
कोई कहे,
तू पछतायेगा.
कोई कहे,
तू बीवी का सुनता है.
कोई मुझसे पूछे,
मैं ऐसा क्यों हुआ?
मेरा जवाब,
आप लोगो की गलतफहमियों के वजह से.
कब परिवार में अपनों से ज्यादा,
दूसरों को प्यार देने लगे,
तो अपने पराये लगने लगते है.
जब अपनों से ज्यादा,
दूसरों का ख्याल रखने लगे.
दूसरों के सामने अपनों को,
नीचा दिखाना.
दूसरों का दर्द समझना,
अपनों का नहीं.
जब बड़े ही गलत,
रास्ता अपनाए.
तो छोटो को,
क्या समझाए.
यही सब देख,
मेरा दिल रोया.
और फिर कहते,
तू बदल गया.
***************जब अपनों से ज्यादा पराये नजदीक हो जाए तो अपने दूर हो जाते है। अगर नहीं होना चाहें तो जबरन दूर कर देते हैं ।******************************************************
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A thoughtful poem, the picture further illustrates your thoughts.
Thnx akhtar jawadji