निभाना है दोस्ती
निभाना है दोस्ती
और करना है मौजमस्ती
बस मिटाना नहीं है अपनी हस्ती
और दोस्ती को नहीं बनाना है सस्ती। निभाना है दोस्ती
खुब लूटेंगे मौज का दरिया
तब दूर होंगी दूरिया
लगेगा जब जिया तो क्या जिया?
मन को अपने आप ही मार दीया। निभाना है दोस्ती
लोग छींटाकशी करेंगे
हम उसे सूना ही करेंगे
मन पर उसका बोझ नहीं लेंगे
समय आने पर निर्णय सही ही करेंगे। निभाना है दोस्ती
सही चिंतन और सही मार्ग
यही होगा हमारे जीवन का स्वर्ग
सीढ़ियां होंगी चढ़ने और उतरने के लिए
हम पीछे नहीं हटेंगे जीने मारने के लिए। निभाना है दोस्ती
खुब लूटेंगे मौज का दरिया
तब दूर होंगी दूरिया
लगेगा जब जिया तो क्या जिया?
मन को अपने आप ही मार दीया। निभाना है दोस्ती
दोस्ती है दूसरा नाम खुदा का
वचन देने का और वादे का
निभाना इसकी तासीर होगी
बस यह जोड़ी फिर तस्वीरे-इ- मिसाल होगी।
This poem has not been translated into any other language yet.
I would like to translate this poem
दोस्ती है दूसरा नाम खुदा का वचन देने का और वादे का निभाना इसकी तासीर होगी बस यह जोड़ी फिर तस्वीरे-इ- मिसाल होगी।