सारा जीवन
बुधवार, ५ दिसम्बर २०१८
सारा जीवन मेरा ऐसे ही कटा!
दुःख को सीने से लगाता रहा
ना मिला मुझे कुछ भी मन चाहा
फिर भी कुछ ना बोला और चुप रहा।
जब जीना है यंही
और मरना भी यही
इन बातों को क्या कहना है सही?
में जीवन से पछताता नहीं।
मालुम है मुझे
जाना है बहुत आगे
कोई रोके या लडे
हम तो अपनी मांग पर अड़े।
रुकना मेरा काम नहीं
मुड़ के देखना मेरी फितरत नहीं
मंझिल आगे अविरत बढे
पाँव मेरे पीछे ना पड़े।
सही हो या गलत
बन गई है अब आदत
सुधरनी होगी तो सुधरेगी हालत
बस बन जाएगी अब एक कहावत।
हसमुख मेहता
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सही हो या गलत बन गई है अब आदत सुधरनी होगी तो सुधरेगी हालत बस बन जाएगी अब एक कहावत। हसमुख मेहता