.. शब्द का अर्थ......Shabad Poem by Mehta Hasmukh Amathaal

.. शब्द का अर्थ......Shabad

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शब्द का अर्थ
बुधवार, १२ फरवरी २०२०
 
शब्द में ही छुपा है
अदब भी उसी में है
बेअदबी भी उसीमे है
मतलब भी उसमे ही है।
 
शब्द चुभता है
शब्द चूमता है
शब्द भुलाता है
शब्द ही मिलाता है।
 
शब्द में छुपा है
प्रेम की उसमे किरपा है
शब्द में गहराई
और शब्द ही करदे पराई।
 
अर्थ चाहे कुछ भी हो
सही तरह से भी कहा गया हो
फिर भी अनर्थ कर देता है
घर का माहौल समरांगण में बदल जाता है।
 
चाहे कोई कीतना भी समर्थ क्यों ना हो?
शब्द उसे असमर्थ बना देते है
अपनों को दूर ले जाते है
विषैले बीज का रोपण कर देते है।,
 
चेहरे के भाव उसे छिपा नहीं सकते
अंदरूनी आत्मा को मार नहीं सकते
निशब्द रहने में ही मजा है
शब्द के दुरपयोग की यही सजा है।
 
हसमुख मेहता

.. शब्द का अर्थ......Shabad
Wednesday, February 12, 2020
Topic(s) of this poem: poem
COMMENTS OF THE POEM
Mehta Hasmukh Amathalal 12 February 2020

चेहरे के भाव उसे छिपा नहीं सकते अंदरूनी आत्मा को मार नहीं सकते निशब्द रहने में ही मजा है शब्द के दुरपयोग की यही सजा है। हसमुख मेहता

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Mehta Hasmukh Amathaal

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Vadali, Dist: - sabarkantha, Gujarat, India
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