Shayari Page 37 Poem by Sankhajit Bhattacharjee

Shayari Page 37

अगर आप किसी को अच्छा बोलेंगें, आप को लोग सही बताएँगे।
अगर आप किसी को बुरा बोलेंगें, आप को लोग गलत बताएँगे।
===
जिसके पक्ष में या खिलाफ आप बता रहे हैं, उसको कुछ फर्क नहीं पड़ता।
जो बता रहा है, फर्क सिर्फ उसे पड़ता।
===
क्यों तुम पीछे पड़े हो, दूसरे को मत पूछो।
तुम अपनी जगह पर सही हो, दूसरे के बारे में मत सोचो।
===
तुम क्या हो, अगर किसी को पूछोगे, वह हंसेगा और बताएगा गलत।
तुम सिर्फ तुम हो, वह अहंवादी नहीं मानता तुम्हारी असलियत।
===
सिर्फ अपने दिल की आवाज़ सुनो, मन बाहर से बहुत कुछ सुनता है।
विश्वास रखो सिर्फ अपने दिल पर, मन हमेशा भटकता रहता है।
===
हम सिर्फ वर्तमान में काम कर सकते हैं, अतीत के बारे में सोच कर मत रोना।
वर्तमान हमारे हाथ में है, भविष्य के बारे में सोच कर मत खोना।
===
अगर ज्यादा ऊपर जाना है तो दोनों कान बंद रखना।
अगर एक कान भी खुला है, गिरोगे नीचे, हमेशा याद रखना।
===
अपने दिल की सुनो, वह हमेशा सच बताता है।
अगर लोगों की बातें सुनोगे तो गिरोगे नीचे, वे गलत बोलते हैं।
===

COMMENTS OF THE POEM
READ THIS POEM IN OTHER LANGUAGES
Close
Error Success