सोच अपनी जगह पे रहे
रख सोच अपने पास
पर ना छोड़ उसकी तलाश
डग बढ़ा सही सोच के साथ
बटाऐंगे सब अपना हाथ।
सोच अपनी जगह पे रहे
उसका इस्तेमाल निगाह के सामने रहे
करे लोग विश्वास आपके कहने पर
ना उठायें सवाल कुछ पूछने पर।
लोगों को सोचने पर मजबूर करे
गलत आदत को दूर करें
कुछ नया करने की चाह में आगे बढे
अपने अधिकार के लिए हमेशा लडे।
पर ऐसी सोच के पीछे एक आदर्श हो
लोगों को भी सहर्ष स्वीकार हो
ना करे मनमानी कोई जोश में
सब कुछ चले शांति से नाकी कोई रोष में।
छटक जाय यदि अकल की कमान
फिर तो हो जाएगा कमाल
लोग कहने लगेंगे 'यह तो है पागलपन'
कहा लगता है इसमें अपनापन।
होश भी हो ओर रोष भी
हाथ में हो पकड़ और भरपूर हो कोष भी
सब को लगे आगे कोई दिक्कत नहीं
बस अब तो संग्राम ही अपना मकसद सही।
x jairam tiwari Unlike · Reply · 1 · Just now today
होश भी हो ओर रोष भी हाथ में हो पकड़ और भरपूर हो कोष भी सब को लगे आगे कोई दिक्कत नहीं बस अब तो संग्राम ही अपना मकसद सही।
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x aqdas majeed Unlike · Reply · 1 · Just now today by