थोड़ी सम्मति रहती है
यही सन्देश है
और आदेश भी
उसका अनुभव हमने खुद करना है
और तकलीफ आ जाय तो सामना भी करना है,
तो हमारा क्या फर्ज बनता है?
क्या धर्म हमें यह नहीं सीखाता है?
प्यार करो और प्यार मे लीन हो जाओ
समजने में देरी मत करो और मगन हो जाओ।
यह सन्देश पुरे विश्व के लिए है
हम सब अंगार के ढेर पर बैठे है
यदि कुछ बचा सकता है तो' वो प्यार ओर महोब्बत ही है'
बाकी सब "राख के ढेर तक" पहुंचाने क लिए काफी है।
खुद को तुम विस्मित पाओगे
शांतिमय मुद्रा में खो जाओगे
शांति ही 'एकमात्र उपाय' ठीक लगेगा
आप सोचोगे'इस दुनिया में बाद में कौन बचेगा?
सब अपनी अपनी किस्मत लिखाकर आये है
'कुछ करके जाना है' यही सोच आगे किये है
हर काम उसी के आदेश से होती है
हमारी तो बस थोड़ी सम्मति रहती है।
सब अपनी अपनी किस्मत लिखाकर आये है कुछ करके जाना है यही सोच आगे किये है हर काम उसी के आदेश से होती है हमारी तो बस थोड़ी सम्मति रहती है।
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Tarun H. Mehta Very nice words & good PIC Unlike · Reply · 1 · 25 mins