तुम्ही मेरे श्याम
तुम्ही दिखत मेरे श्याम
चाहे सुबह हो या शाम
मेरी अंखिया तरसे प्रभु
बस एक ही माला में जपु।
नयन मंदिर सुनासुना
ना बांसुरी वादन ना गाना
मेरे कान सुन्न और जिह्वा विह्वल
चेहरे पे है शिकंज और माथे पर बल।
जब भोर भये और नींद खुल जाये
बस मन में एक ही रट लगाए
कब मानस पटल पर आप दीख जाओ?
मनपर छायी मुर्दनी को त्वरित भगाओ।
पलका ना बंध होवत
दिखाऐ ना कोई कोवत
दिल में लगी एक ही रट
अब ना करो देर और दर्शन दो घूंघट।
आप ही चंदन
आप ही नंदन
सुख गए मोरे नयन
बसेरा कहाँ करूँ माधवन?
ये मधुवन में गुंजन नहीं
भ्रमर की आवन जावन नहीं
हिरनी भी गायब मयूर का नहीं शोर
में आँखे गडाऊं बताओ देखु कीस कीस कोर।
welcome Close DrNavin Kumar Upadhyay Unlike · Reply · 1 · Unlike · Reply · 1 · Just now
ये मधुवन में गुंजन नहीं भ्रमर की आवन जावन नहीं हिरनी भी गायब मयूर का नहीं शोर में आँखे गडाऊं बताओ देखु कीस कीस कोर।
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DrNavin Kumar Upadhyay Very nice, Thanksmy dear Unlike · Reply · 1 · 23 mins