Saturday, January 6, 2024

अवध Comments

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हैं राम राम का देश यही, तुलसी का है उपदेश यही।
यही भागीरथ परिपाटी है, हां यही अवध की माटी है।।
है धाम पुण्य यह धामो का, श्रीरघुवर के बलिदानों का‌।
यही सागर की ख्याति है, हां यही अवधि की माटी है।।
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Vivek saswat Shukla
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