वो खुश रहे....... Vo Poem by Mehta Hasmukh Amathaal

वो खुश रहे....... Vo

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वो खुश रहे

शनिवार, २१ जुलाई २०१८

महोब्बत तो हो जाती है
वो किसी के केहने से थोड़े ही आती है
हो जाय तो याद हरदम सताती है
दिल कप थोड़ी सी तसल्ली भी देती है।

जीवन में जैसे भूचाल सा आ गया
मानो पूरी जिंदगी ही बदल गया
एक दुसरे के पहलु की समझा गया
जीवन की पहेलियों को समझा गया।

मैंने दुआ मांगी की किसीकी नजर न लग जाए
कोई भले कांटे बिछाए पर मेरी महोब्बत को कोई आंच न आए
कह नहीं सकता क्या लिखा होगा मेरे भाग्य में?
पर अवश्य कुछ नया होगा सौभाग्य से।

पर ये क्या हो गया?
मैं उनके लिए बेगाना हो गया
उन्होंने तो नया घर बसा लिया
मेरे लिए तो दिली धक्का दे दिया।

वो खुश रहे
और अपने दिलका वाक्या किसी को ना कहे
हम तो कहीं भी रहे और समय गुजारे
पर दिल हमेशा उनकी तरफदारी करे।

हसमुख अमथालाल मेहता

वो खुश रहे....... Vo
Saturday, July 21, 2018
Topic(s) of this poem: poem
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वो खुश रहे और अपने दिलका वाक्या किसी को ना कहे हम तो कहीं भी रहे और समय गुजारे पर दिल हमेशा उनकी तरफदारी करे। हसमुख अमथालाल मेहता

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Mehta Hasmukh Amathaal

Mehta Hasmukh Amathaal

Vadali, Dist: - sabarkantha, Gujarat, India
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