Ya Hussain या हुसैन Poem by Ahatisham Alam

Ya Hussain या हुसैन

मेरे आक़ा की आँखों का तारा हुसैन
दीने अहमद को सबसे है प्यारा हुसैन
इस जहां को है तुमने सँवारा हुसैन
कोई सानी नहीं है तुम्हारा हुसैन

कौन कहता है बेकस-ओ-लाचार हूँ मैं
जब जहाँ में है मेरा सहारा हुसैन
रहमते रब आग़ोश में ले लेती है
नाम जब जब तुम्हारा पुकारा हुसैन

इस जहां को है तुमने सँवारा हुसैन
कोई सानी नहीं है तुम्हारा हुसैन

Thursday, February 25, 2016
Topic(s) of this poem: love
COMMENTS OF THE POEM
Abhilasha Bhatt 25 February 2016

A beautiful poem.....thank you for sharing :)

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