ये हमारा वादा है Ye Hamaraa Poem by Mehta Hasmukh Amathaal

ये हमारा वादा है Ye Hamaraa

ये हमारा वादा है

हो जाए पूरी बात
पर ना काट जाय पूरी रात
बहुत सपने है सजाए
आपभी तो कुछ बताए?

मेरा संसार सूना था
बस आप से ही मिलना था
मिलन का जोग आज ही है
चांदनी रात का उझाला भी है।

में कालीघटा से भी संतुष्ट हूँ
उसमे मुझे एकजुटता दिखाई देती है
छाँव में मुझे अपनापन दिखाई देता है
वो घटा मेरी सहेली भी तो है।

आपका अपना रूतबा है
हमारा भी एक मंसूबा है
हम रहेंगे परछाई की तरह
आपके बीना हो जाएंगे हवाले विरह।

ये हमारा वादा है
हम इसपर आमादा है
कभी ना पीछे हटेंगे
जहाँ भी होंगे, बस डटे ही रहेंगे।

ये हमारा वादा है  Ye Hamaraa
Friday, June 16, 2017
Topic(s) of this poem: poem
COMMENTS OF THE POEM

ये हमारा वादा है हम इसपर आमादा है कभी ना पीछे हटेंगे जहाँ भी होंगे, बस डटे ही रहेंगे।

0 0 Reply

welcoem sarika sathvara Like · Reply · 1 · Just now

0 0 Reply

welcome krushna bahera Like · Reply · 1 · 1 min

0 0 Reply

welcome dr navinchandra k upadhyay Like · Reply · 1 · Just now

0 0 Reply

welcome dr n k upadhyay Like · Reply · 1 · Just now

0 0 Reply

welcome dr n k upadhyay Like · Reply · 1 · Just now

0 0 Reply
READ THIS POEM IN OTHER LANGUAGES
Mehta Hasmukh Amathaal

Mehta Hasmukh Amathaal

Vadali, Dist: - sabarkantha, Gujarat, India
Close
Error Success