Rahul Vyas Poems

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1.
हिन्दुस्तां

जहाँ हर चीज है प्यारी
सभी चाहत के पुजारी
प्यारी जिसकी ज़बां
वही है मेरा हिन्दुस्तां
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2.
मुक्तक

तिरंगे की आड़ मे गोलिया चली,
चढ़ी थी बेकसूरो की बलि,
तब आग जाली थी गली गली,
वह शाम भी ख़ून के रंग मे ढली
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3.
नोट

4.
एक बनो नेक बनो

'गीदड़ धमकी से जो डर जाए,
वो परशुराम संतान नही,
हम श्रेष्ठ पुरुष हे दुनिया के ये शायद तुम्हे पहचान नही,
कान खोलकर सुनले सरकार,
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5.
'तस्वीर'

तस्वीर बनाई मैंने,
वो आई उसमे रहने,
मुस्कराहट की वजह से,
घर पर सजाई मैंने ||
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6.
' गुरुगान यशगान '

अ से ज्ञ तक का ज्ञान दिया,
हर गलत बातों को माफ़ किया,
गीली मिटटी को आपने आकार दिया,
मेरे हर एक सपने को साकार किया ||
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मैं जब छोटी थी, वो मेरा भाई था ।
मैं जब बड़ी हुई तब भी वो मेरा भाई था ।
ना जाने क्यों वो मुझे हवस से देखता था ।
मुझे देख वो अपनी आंखे सेकता था ।
...

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