Amrit Pal Singh Gogia Poems

Hit Title Date Added
41.
A-138. वो तुम ही तो हो

वो तुम ही तो हो 4.7.15- 10.05 PM

वो सुबह का नज़ारा रवि का फव्वारा
हवा भी निराली सारे जहां की माली
...

42.
A-144. हाँ..! तुम अंधे हो

हाँ..! तुम अंधे हो 3.6.16—8.18 AM

हाँ..! तुम अंधे हो!
तुमको दिखता नहीं है!
...

43.
A-081. कि मैं सही हूँ

कि मैं सही हूँ..8.6.15—9.17PM

सच और झूठ का झगड़ा हो गया
अस्तित्व बचाने का रगड़ा हो गया
...

44.
A-071. कभी तुम मिल पाते

कभी तुम मिल पाते 15.4.16- 10.33 AM

कभी तुम मिल पाते तो कैसा होता
नज़रें मुझसे मिलाते तो कैसा होता
...

45.
A-142. हम आज़ाद है

हम आज़ाद है! 1.2.16-12.19

कोयल……………!
तूँ किसको पुकारती है
...

46.
A-054. माँ आज तू कहाँ है

माँ आज तू
कहाँ है.............31-7-15—10.35 AM

तूँ तो चली आती थी
...

47.
A-153 पराया हाथ

A-153 पराया हाथ 26.3.16—5.29 AM

अपनों का साथ हो एक पराया हाथ हो
कौन छोड़े भला जब उनसे मुलाक़ात हो
...

48.
A-154 माफ़ कर दो मुझे

A-154 माफ़ कर दो मुझे..26-4-15—1.54 PM

माफ़ कर दो मुझे मेरी ग़फ़लत के लिए
सजा भी मुकर्रर कर दो नफ़रत के लिए
...

49.
A-155 एक कदम

A-155 एक कदम 13.1.16—10.01 PM

एक कदम की बात का रंग
वही तो है विश्वास का अंग
...

50.
A-156 मेरा मज़हब

A-157 तेरी फ़ितरत 16-5-15—3.05 AMx

मेरा मज़हब भी तुम मेरा सम्मान भी तुम
मेरा रूतबा भी तुम मेरी मेहमान भी तुम
...

Close
Error Success