Arvind Srivastava Poems

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1.
What Happened To Me

What happened to me was not justified
People associated with management are generally not kind
They are busy saving their fake dignity
They shuffle words like cards
...

▪️ अरविन्द श्रीवास्तव

नहीं लगती कौवे की पंचायत
बिजली के तारों पर
...

3.
राइफ़ल

राइफलें
जो किसी पत्ते की खड़खड़ाहट
कि दिशा में
तड़तड़ा उठी थीं
...

4.
Rifle

Rifles
the rustling of a leaf
in that direction
had woken up furiously
...

5.
तुम्हारे हाथ

ब्रह्माण्ड का गिरमिटिया हूँ
अनुबंध पर आया हूँ
चंद दिनों के लिए
धरती पर
...

6.
चुप्पी के बारे में

●अरविन्द श्रीवास्तव

उन यादों को चमकाता हूँ मैं
जिसे समय ने बदरंग कर दिया है
...

7.
कविता के बारे में

..कि जैसे समय स्याह अंधेरे में भटक चुका था
कि जैसे एक गिलहरी
शिकारी कुत्ते की गिरफ़्त मे आ चुकी थी
कि जैसे किसी निश्छल-कलकल बहती धारा में
...

8.
भात

भाड़ में जाओ दुनिया के खूबसूरत चेहरों
क्रांति गीत और लाल आकाश
प्रेम-मिलन के भावुक शब्दों
गंध की तलाश में भटकती आत्माओं
...

9.
क्षमा करें..

सुख ने पता कर लिया था
अपनी चकाचौंध के चार दिन 
इसलिए भी उसने 
ठहरा कर अंधेरे को कसूरवार
...

10.
बग़ैर एक स्त्री

कितनी घबराहट और बेचैनी थी
एक स्त्री के बगैर
पहेलियाँ चक्कर काट रही थी
रसोई के इर्द-गिर्द
...

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