Mr. Shiv Chandra

Mr. Shiv Chandra Poems

आसमान से आती बूंदे,
सबका मन हर्षाती बूंदे.

बादल ढोल बजाते ढम - ढम,
...

सावन आया, सावन आया,
बच्चा बच्चा बोला,
बरखा काँधे पर रख कर,
लायी बूंदों का झोला.
...

रे ख़यालों में मैं अपनी दुनिया सजाता गया,
जब तुझे मेरा ख्याल आया तो वक़्त गुजर गया|

सर्दियो की रातों में तू ठंड बनकर थी मेरे पास,
...

The Best Poem Of Mr. Shiv Chandra

आसमान से आती बूंदे

आसमान से आती बूंदे,
सबका मन हर्षाती बूंदे.

बादल ढोल बजाते ढम - ढम,
रिमझिम - रिमझिम गाती बूंदे.

सूखे सरोवर, नदी - नालों को,
पल भर में भर जाती बूंदे.

नए - नए फूल-पत्तों से,
\'भू\' की मांग सजाती बूंदे.

कभी नहीं इतराती बूंदे,
धरा की प्यास बुझाती बूंदे

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