मेरा इश्क़ मुहब्बत प्यार है तू Poem by NADIR HASNAIN

मेरा इश्क़ मुहब्बत प्यार है तू

मेरा इश्क़ मुहब्बत प्यार है तू
मेरे दिल की थानेदार है तू
मेरा तन मन धन संसार है तू
तुहि धड़कन मेरी यार है तू

नैनों से नज़र मिलजाने दो
फूलों को ज़रा खिल जानेदो
अभी बात बहोत सी बाक़ी है
कुछ रात ज़रा ढल जानेदो

क़ुदरत ने बनाया हूर तुझे
तेरी अदा है हर मंज़ूर मुझे
एहसास मेरी तुहि सांस मेरी
मेरे खुशयों का बाज़ार है तू

By: नादिर हसनैन

Saturday, February 11, 2017
Topic(s) of this poem: love
COMMENTS OF THE POEM
READ THIS POEM IN OTHER LANGUAGES
Close
Error Success