कल रात तुम ख्वाब में आये Poem by Anita Sharma

कल रात तुम ख्वाब में आये

Rating: 5.0

यह जो रंग मैंने पहने हैं
यह जो गुल मुझसे लिपटे हैं,
इनमें ही कहीं तुम सिमटे हो मेरे अरमान बनकर,
कल रात तुम ख्वाब में आये,
सुनहरी शाम में मुहब्बत का एक गुल खिला था मखमली रुखसार पर,
देखो एक नशा सा छा गया है मेरे संसार पर...! !

कल रात तुम ख्वाब में आये
Wednesday, April 18, 2018
Topic(s) of this poem: dreams,imagery,love and dreams
POET'S NOTES ABOUT THE POEM
सुनहरी शाम में मुहब्बत का एक गुल खिला था मखमली रुखसार पर,
देखो एक नशा सा छा गया है मेरे संसार पर...! !
COMMENTS OF THE POEM
Madhabi Banerjee 18 April 2018

very good.thanks for sharing. mere commputor me hindi script nehi hai. I can read but not write

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