इंसान के ख़ून की क़ीमत जब पानी से कम होजाएगी
मक़तूल को क़ातिल कह कर जब इंसाफ़ नहीं कीजाएगी
जब हरसू हर चौराहे पर वहशत का परचम लहरेगा
जब बेबस और लाचारों पर ज़ालिम का लश्कर ठहरेगा
जब माँ, बहनों और बेटी की इज़्ज़त से खेलाजाएगा
अदल अदालत आदिल जब ज़ुल्मत का राग सुनाएगा
तब मुंसिफ ग़ैबी आएगा और क़हर वबाई ढाएगा
अंगारे गगन से बरसेंगे और धरती थर थर कांपे गी
इंसान के ख़ून की क़ीमत जब.....
जब मेहनतकश मज़दूरों को मज़दूरी मिल ना पाएगी
जब खेती करने वालों की फसलें भी लूटी जाएगी
दो वक़्त की रोटी की ख़ातिर जब बूढ़े बच्चे तड़पेंगे
पढ़े लिखे हर नौजवान जब रोज़गार को तरसेंगे
जब छोटे छोटे व्यापारी पर बंदिश बढ़ती जाएगी
जब बड़े बड़े उद्योगपति की क़दमें चूमी जाएगी
तब मुंसिफ ग़ैबी आएगा और क़हर वबाई ढाएगा
अंगारे गगन से बरसेंगे और धरती थर थर कांपे गी
इंसान के ख़ून की क़ीमत जब.....
फ़िरऔन बनेगा हाकिम जब मूसा भी ज़मीं पर आएंगे
रावण की लंका ढाने को धरती पर राम पधारेंगे
जब धर्म के ढोंगी सौदागर बाज़ारू भक्त बनाएंगे
जब मज़हब ज़ात पर हो आघात और रक्त बहाए जाएंगे
जब हरसू ख़ौफ़ - दहशत का माहौल बनाया जाएगा
जब सभ्य समाज में ज़हरीला फ़रमान सुनाया जाएगा
तब मुंसिफ ग़ैबी आएगा और क़हर वबाई ढाएगा
अंगारे गगन से बरसेंगे और धरती थर थर कांपे गी
इंसान के ख़ून की क़ीमत जब.....
✍️@नादिर हसनैन
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