हाथों में लिए प्यार की ज्वाला,
हम धीरे-धीरे आगे ओर बढ़ते हैं।
आओ भाई, आज मेरे आ जाओ,
हम प्रेम-विजय पथ अब चलते हैं।।
नहीं राग-रोष, न द्वेष घृणा भाव,
न ही पक्षपात-भीतरघात मेरे भाई।
न ही हमने कर ली पूरी अबतक,
जिन्दगी की अपनी असली कमाई।।
खाली हाथ जहाँ में आये थे जब हम,
लेकिन खाली हाथ न जायेंगे अब हम ।
आ जाओ भाई! जल्दी आ जाओ, दौड़ो,
प्यार मशाल लिए हम आगे ओर बढ़ते हैं।
जहाँ-जहाँ जायेंगे हम, भाई -भाव फैलायेंगे,
दया सहानुभूति करुणा सेवा सरसायेंगे,
विषमता के बीज को हम.समूल हटायेंगे,
आपस में मिल कर रहने का सँदेश बढ़ायेंगे,
सहिष्मुता सँतोष समता सदा हम दर्शायेंगे,
दुनिया में जब आये हम, अलग दुनिया बसायेंगे,
खुदा भी खुश हो जायेगा देख मेरी दुनिया विचित्र,
चलो' नवीन'! प्यार मशाल लिए आगे ओर बढ़ते हैं।
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