सव^शक्तिमान परम देदीप्यमान देव! आप कृपा करें परमानंद,
प्रभापुँज तम मोह हारी, धवल ज्योति कारी, वष^ण करें आनँद।
तन-मन-वचन सह करते याचना, आप हमारे देव-गुरु-स्वामी,
कृपा करतें रहें, देव! सदा, 'नवीन' भास्कर प्रभु, हे अन्त: यामी।।
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