हम चारों ओर हेरते Poem by Dr. Navin Kumar Upadhyay

हम चारों ओर हेरते

हम चारों ओर हेरते उनके प्यार को,
जिनके हर पल मेरे लिए रहते;
कहाँ कैसे कहीं पड़े नजर
, यही आशा हम दिल में सदा रखते ।

Monday, September 11, 2017
Topic(s) of this poem: love
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