हम एक-दूजे साथ बदन से रहें न रहें, Poem by Dr. Navin Kumar Upadhyay

हम एक-दूजे साथ बदन से रहें न रहें,

हम एक-दूजे साथ बदन से रहें न रहें,
लेकिन हम आपके साथ सदा ही रहेंगे।
भले हम आपको कुछ कह न पायें,
लेकिन हम एक -दूसरे को न विदा कहेंगे।।
भले आप-हम न मिल पायें कभी भी,
मगर कभी भी हम आखिरी साँस तक न जुदा रहेंगे।
जमाने को भी बता देंगे अपनी मुहब्बत,
जनाजे तक भी आखिरी साँस जियेंगे।।

Saturday, October 7, 2017
Topic(s) of this poem: love
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