ज़िन्दगी की जंग
हम गुलाब हैं
कांटोंके संग खिलते हैं
माखन से मुलायम हैं
मधानी के थपेडे सहते हैं
हिना की तरह
पत्थरों पे घिसे हैं
तभी तो सजनी के हाथों
मेहंदी से सजे हैं
ज़िन्दगी की हर जंग में
नायक की तरह लडे हैं
तभी तो हुमहमा के
रंगीनियों के बीच खड़े हैं
मुसीबतों से मत घबराओ
उन पे पूरी तरह हावी हो ज़ाओ
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