कितनी मोहब्बत है मुझसे बताओ मुझे
हैरान सा कर दिया था मुझे उनके सवालों ने
मुझे एहसास है आपका मगर गॅरंटी कैसे दूँ,
मुझे अपनी साँसों का नहीं पता
आखरी सांस तक की वो कहते कहते रुक से गए थे
पता नहीं मेरा दिल घबराता है
इकठे नहीं रह पाएंगे जुदा हो जायेंगे
ऐसे ही ख्याल आते हैं आजकल
बड़ी बड़ी समंदर सी गहरी आँखों में एक ख़ामोशी सी और बेकरारी भी थी
कितनी मोहब्बत है बताओ मुझे,
बताओ मुझे आज मुझे सुनना है सब कुछ
बच्चों की तरह ज़िद करने लगे हैं आप आजकल,
बताओ कितनी मोहब्बत है! !
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