श्रीराधिका प्रियतमा सुख खानि, Poem by Dr. Navin Kumar Upadhyay

श्रीराधिका प्रियतमा सुख खानि,

श्रीराधिका प्रियतमा सुख खानि,
सव^गुण खानि, रस सुख प्रदानी,
महामहिमा वेद सक न जानि,
'नवीन'सदा आर्त हृदय प्रदानी।

Wednesday, December 27, 2017
Topic(s) of this poem: love
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