छोड़ जाने का मंसूबा
Thursday, April 19,2018
1: 26 PM
क्या हमारा प्यार इतना कमजोर है?
यदि नहीं तोइतनाशोर क्यों है?
प्यार में लिप्त सब बराबर है
नहीं कोई गरीबऔर नहीं कोई अमीर है।
पर दुःख इतना है की मिलना नहीं होता
दिन रो रो के कटता है, और रात को सोना नहीं होता
जब भीहम आपको याद करते है
आंसू धीरे से टपका करते है।
प्यार तो हमने किया है
और दिल्लगी आप दिखा रहे है
कभी तो सोचा होता
तो हमारा आज यह हाल नहीं होता।
खुल्ले में नहीं, आँखे बंध करके देखो
हमारे प्रतिबिम्ब को नजदीक से देखो
हम ही हम नजर आएँगे
आपके दिल को लुभा जाएंगे।
में महसूस कर सकतीहूँ
आपका समा भी बांध सकती हूँ
पर ये नहीं कह सकती!
बारबार आपकी याद क्यों आती?
जरा गहराई से देखो
अपने मन को परखो
कही मन में चोर तो नहीं?
कहीं छोड़ जाने का मंसूबा तो नहीं?
जरा गहराई से देखो अपने मन को परखो कही मन में चोर तो नहीं? कहीं छोड़ जाने का मंसूबा तो नहीं?
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welcoem Sanjay Tiwari 1 mutual friend 1 Manage Like · Reply · 1m