इश्क़ हवा में पीगल गया
Thursday, May 10,2018
6: 15 PM
मेरे पास नहीं है इल्म
नहीं सह सकता हूँ जुल्म
मुझे नहीं चाहिए कोई मरहम
मुझे तो चाहिए प्यार हरदम।
मेरी प्यार एकतरफा नहीं
भले ही तू वफ़ा नहीं
एक दफा तू मना तो कर देती!
अपने रुख की याद तो दीला देती।
प्यार को हरदम रोंदा गया है
उसको हरदम बदनाम किया गया है
अरे पाँव तले कुचल दिया गया है
हिम्मत की सर उठाने की, तो उसको सर कलम कर दिया गया है।
मै नहीं मानता उसको जिस्मानी तालुक्कात पसंद थे
वो हरदम मुलाक़ात के लिए तरसती थी
में नहीं समझ पाया उसकी रुख को
छलनी कर दिया है मेरी रूह को।
मेरा जिस्म तो जल कर रह गया
मेरा मन भी भीतर से डर गया
मेरा विश्वास प्यार से उठ गया
मेरा इश्क़ हवा में जैसे पिगल गया।
Bam Dev Sharma Sundar rachana! 1 Manage LikeShow more reactions · Reply ·
मेरा जिस्म तो जल कर रह गया मेरा मन भी भीतर से डर गया मेरा विश्वास प्यार से उठ गया मेरा इश्क़ हवा में जैसे पिगल गया। Hasmukh Amathalal
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Kapil Gupta इश़्क पाकीजा है बहकता नहीं, रूह़ खुद़ा है पिघल सकता नहीं । कपिल आदिल 1 Manage Like · Reply · See Translation · 3h