हकीम का हौसला बुलंद रहता है, Poem by Dr. Navin Kumar Upadhyay

हकीम का हौसला बुलंद रहता है,

++++++++वक्त बदल जायेगा तुम नहीं,
हालात जो हो, हिलोगे नहीं,
जज्बात तो लेते रहेंगे हिलोरे,

हम तुम दोस्त हमेशा रहेंगे ही।

हकीम का हौसला बुलंद रहता है,
दवा में कभी कुछ दम नहीं होता है,
हकीम के हाथ लगने से आती ताकत,
मजबूत देख बीमारी नश्नाबूत होता है।

Sunday, August 19, 2018
Topic(s) of this poem: love
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