उम्मीदों की उड़ान Poem by Vinita Nahata

उम्मीदों की उड़ान

कुछ फूल तो कुछ काँटे,
जीवन ने सबको है बांटे ।

अपने जीवन की बगिया से,
चुन लो फूल, फेंक दो काँटे ।

आशाओं को आधार दो,
सपनों को आकार दो ।

उम्मीदों की उड़ान भरो कि,
अनन्त व्योम को छेद सको।

मन की गहराई में निमग्न हो,
अंतरतम को भेद सको।

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