किसी की प्रिय मत बनो;
बिरादरी से बाहर निकल जाओ।
अपने जीवन के
अंतर्विरोधों को लो
और शाल की तरह
अपने चारों ओर लपेट लो
पत्थरों को तराशने के लिए
अपने आपको गर्म रखने के लिए.
देखो लोग पागलपन के सामने
खूब ख़ुशी के साथ
सिर झुका रहे हैं
उन्हें आपको संदेह से भरकर देखने दो
और आप भी संदेह से भरकर जबाब पूछो
निष्काषित हो जाओ;
अकेले चलकर खुश होवो
या प्रचंड मूर्खों के साथ
भरी हुई नदी के तले में
लकीर खींचो
किनारे पर
खुशदिल महफिल सजाओ
जहां हजारों दिलेर बोलने पर मारे गये
वे शब्दों से चोटिल करेंगे
पर किसी की प्रिय मत बनो
बहिष्कृत हो जाओ
मृतकों के बीच
जीने के काबिल बनो