आज ही श्रेष्ठ
शनिवार, २९ मई २०२१
कल हो या ना हो
आज मेरा सुखमय हो
ज्यादा लोगों से परिचय हो
खूब मिलन और चयन हो।
आज ही है सब से श्रेष्ठ
बने रहना है हमें कर्मठ
आज की चिंता आज करनी
जीवन की कमी को पूरी करनी।
आज की चिंता कल की ना फ़िकर
घूमते रहे हम बन के नाफिकर
मेहनत के रस को जी भर पिए
आज की चिंता आज ही कीजिये।
कल ना जाने, सूरज निकले
हम लोगों का भरोसा उठले
आज जिए है कल ना जिएंगे
जीवन को हम जीना पाएंगे।
आज ना सुधरा तो कल क्या होगा?
जोवनपथ पर मुश्किल होगा
आज हमें यकीन रखना होगा
कल को कलपर छोड़ना होगा।
आशा की किरण को रखना होगा
कल के बारे में अब सोचना होगा
कल का सोचकर आज संवारना होगा
सुबह के उजाले का सोचना होगा।
दीपक का उजाला प्रायप्त नहीं
जीवन का मिटना 'समाप्त' होना नहीं
आज की असफलता कल की मुसीबत नहीं
जीवन से मुंह मोड़ना महोब्बत नहीं।
यदि आज नहीं सुधरा तो कल क्या होगा?
यही चिंतन आज करना होगा
हम नहीं कह सकते 'कल का कल देखा जाएगा'
यदि कल को संवारना है तो आज में जीना होगा।
डॉ हसमुख मेहता
डॉ साहित्यिक
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