रात मेंं रात होती है, दिवस मेंं दिन होता है, Poem by Dr. Navin Kumar Upadhyay

रात मेंं रात होती है, दिवस मेंं दिन होता है,

रात मेंं रात होती है, दिवस मेंं दिन होता है,
कुछ लोगों के लिए कभी न सबेरा होता है।

Saturday, November 24, 2018
Topic(s) of this poem: love
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