तनु छोड़कर लेता जब पुनर्जन्म, तीसरा जन्म कहलाता है।
परमात्मा प्रभु गुणगण धारणकर, धर्ममय आनंद लहराता है।।
वामदेव ऋषि कहते, जन्म जन्मांतर कथा मुझे स्मरण।
इसीलिए आज कह रहा मैं, सुन मेेरे हृदय स्पन्दन।।
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