नव-वर्ष 2013 का स्वागत है! Poem by Sushil Kumar

नव-वर्ष 2013 का स्वागत है!

मुख से निकले शब्द आपके,
ब्रह्म-वाक्य बन जाएँ।
सूर्य, चन्द्र, तारागण मिलकर,
कीर्ति आपकी गायें।
कर से हो कल्याण जगत का,
नेत्र दया क़े सागर,
उर इतना विस्तीर्ण हो जिसमे,
तीनों लोक समायें।
यह नव-वर्ष आपको होवे,
सब विधि मंगलकारी।
साहस, बल, सामर्थ्य, शौर्य से,
दमक उठे छबि प्यारी।

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