पापा तुम झूठे हो-24.4.16—7.12 AM
पापा तुम झूठे हो.......
खुद से तुम क्यूँ रूठे हो
मुझको लाड लडाते हो
कुछ भी नहीं बताते हो
इतनी मेहनत करते हो
मुझपे सुख बरसाते हो
गलतियां मेरी होती हैं
लोगों से लड़ जाते हो
पापा तुम झूठे हो.......
खुद चिंता में रहते हो
शांति पाठ पढ़ाते हो
खुद घबराये रहते हो
मुझे तुम समझाते हो
बात पते की करते हो
खुद ही डरते जाते हो
बाँहों में कस लेते हो
इतना क्यूँ घबराते हो
पापा तुम झूठे हो.......
मुझे तुम क्यूँ भगाते हो
क्यूँ नहीं मुझे बताते हो
कुछ सपने तेरे अधूरे हैं
क्या मैंने ही करने पूरे हैं
पापा तुम झूठे हो.......
तुम्हारी चिंता भी देखी हैं
मुझसे क्यूँ तुम छिपाते हो
खुद तकलीफ में रहते हो
मुझको सुख ओढ़ाते हो
तुमको रोते हुए देखा है
मुझे देख क्यूँ मुस्कराते हो
मेरे आसूँओं को पोछकर
तुम अपने क्यूँ छिपाते हो
पापा तुम झूठे हो.......
मम्मी से तुम लड़ लेते हो
खुद को शरीफ बताते हो
जब तुम पकडे जाते हो
कितने कारण गिनाते हो
जो बात मेरे लिए गन्दी है
तुम उसमें मजे उड़ाते हो
खुद तो दारु भी पीते हो
पीकर क्यूँ मुस्कराते हो
पापा तुम झूठे हो.......
खुद तो गुस्सा करते हो
मुझको प्यार सिखाते हो
अपनी गलतियां सहते हो
मुझ पर क्यूँ चिल्लाते हो
तुम तो गालियां भी देते हो
मुझे तुम क्यूँ समझाते हो
यह कैसा रिश्ता है तुमसे
खुद को मुझसे छिपाते हो
पापा तुम झूठे हो.......
खुद तो अच्छे बच्चे थे
ऐसा क्यूँ तुम बताते हो
कमियां तेरी कहाँ गयीं
जान मेरी तुम खाते हो
खुद की हिम्मत हार रखी
मुझको ढांढस बंधाते हो
खुद की जान निकलती है
मुझको तुम समझाते हो
पापा तुम झूठे हो.......
खुद तो खर्राटे लेते हो
मेरी नींद उड़ाते हो
जब मैं सोई रहती हूँ
मुझको तुम उठाते हो
जब भी मैं रोने लगती हूँ
तुम हो कि मुस्कराते हो
जब मैं हँसती जाती हूँ
तुम गुस्सा क्यूँ दिखाते हो
पापा तुम झूठे हो.......
वादों की लड़ी लगाते हो
उनको नहीं निभाते हो
बात बात पर मुकरते हो
मुझको ही समझाते हो
कहने को तेरी जान हूँ मैं
तुम क्यों सहमे जाते हो
बात छोटी सी होती है
तुम क्यूँ घबरा जाते हो
पापा तुम झूठे हो.......
पापा जब मैं छोटी थी
बात हमारी होती थी
आप मुझे लडाते थे
हर बात पे गाना गाते थे
जब मैं रोती रहती थी
आप मुझे चुप कराते थे
मेरी हर एक मुस्कान पे
आप वारे वारे जाते थे
अब मेरे वो वाले पापा कहाँ हैं.........? ?
पापा तुम झूठे हो.......
पापा तुम झूठे हो.......
Poet; Amrit Pal Singh Gogia 'Pali'
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बच्चे की नज़र से उसके पापा का अविस्मरणीय भाव-शब्द-चित्र. अद्वितीय रचना.