A-103. एक सच्ची कहानी Poem by Amrit Pal Singh Gogia

A-103. एक सच्ची कहानी

एक सच्ची कहानी 23.1.16—3.25 AM

एक सच्ची कहानी
दूजी कही मन मानी
एक में परम सुख
दूजी में बने घानी

एक में प्यार का रुख है
उसमें जीवन का सुख है
वहीँ मृदुंग की ताल है
वहीँ तो सारा कमाल है

वहीँ नयन तारे हैं
वहीँ माँ के दुलारे है
वहीँ माँ का स्पर्श है
वहीँ पिता का संघर्ष है

वहीँ तुम्हारी अभिव्यक्ति है
वहीँ तुम्हारी पूर्ण शक्ति है
वहीँ दिशा का ज्ञान है
वहीँ तुम्हारा सम्मान है

दूजा बना अभिमान है
बन गया जो प्रमाण है
उसमें भी तीर कमान है
बनता कोई निशान है

सुख अतीत हो आया है
बन के खंडहर छाया है

पहचान की है आन रखी
जीतेंगे मन में ठान रखी

जिम्मेवारी जब लें अपने होने की
तभी बन जाये जिन्दगी सोने की

Poet; Amrit Pal Singh Gogia
My blog; gogiaaps.blogspot.in
Face book; Attitude: Dreams Come True
Google Search & poemhunter.com by my name

Tuesday, March 1, 2016
Topic(s) of this poem: motivational
COMMENTS OF THE POEM
Gajanan Mishra 01 March 2016

beautiful, attitude decides your life...

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