आमूल परिवर्तन
आमूल परिवर्तन को
हमारा पूरा समर्थन हो
हम चाहेंगे उनका उत्थान
हर व्यक्तिका हो पूरा सन्मान
परिवर्तन कुदरत का उपक्रम है
जो हमारी सूचि में अग्रिम है
हम चाहते है हमारा विकास हो
हर इंसान को इसका एहसास हो।
मिले सब को मौका अपने को आगे बढाने का
सब के साथ शांति ओर अपनेपन से रहने का।
परवर्तन सिर्फ बाहर का ही नहीं
अपने आप में भी इसका हो चयन सही।
अब तक आप सहिष्णु नहीं
दयाका भाव अणु अणु में नहीं
दूसरे की प्रति अनुकम्पा का एहसास नहीं
परिवर्तन की भावना अपने आप में कभी आती ही नहीं।
जब में काबिल ही नहीं
साबित कर नहीं सकता सही
फिर कैसे सोच सकता हूँ?
दुनिया को कैसे समझ सकता हूँ।
परिवर्तन लाजमी भी है
इंसान को अपने आप तैयार भी करना है
अपनी जरुरत को कम से कम रखना है
सुख को ज्यादा एहमियत देना है।
welcome kumar hindu Like · Reply · 1 · Just now Manage
परिवर्तन लाजमी भी है इंसान को अपने आप तैयार भी करना है अपनी जरुरत को कम से कम रखना है सुख को ज्यादा एहमियत देना है।
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Bijendra Singh Tyagi Very very beautiful poem. Congratulations Like · Reply · 1 · 6 hrs