आपकी कृपा
गुरूवार, ९ मई २०१९
काना में तुम्हारी दीवानी
बन बन दौड़ती रहूं मानो हिरणी
मन ना लागे मारो बातो में
नींद हो गई बेरन मानो रातो में।
यादें तो है एक सहारा
पर मन ना है कभी हारा
किशन है सबका प्यारा
सब को लगे है दिल से दुलारा।
गोपियों के संग रास रचाए
सब के मन में आशा बँधाए
मोरे श्यामअब रूबरू पधारो
तन तन रोम में ताजगी प्रसारो।
सबके चहेते
मन में छाए रहते
अब दुरी ना सहन हो पाए
मोरे आप घर कब लोटे के आए।
हम है अभिलाषी
देखने को आँखे तरसी
कब नहीं आपकी कृपा बरसी
यादे आप की मन में बसी।
हसमुख मेहता
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हम है अभिलाषी देखने को आँखे तरसी कब नहीं आपकी कृपा बरसी यादे आप की मन में बसी। हसमुख मेहता