अब तो तू ही है Ab To Tu Hi Poem by Mehta Hasmukh Amathaal

अब तो तू ही है Ab To Tu Hi

अब तो तू ही है

वफ़ा को कर दो दफा
तो होगा दिल सफा
फरेब को ना आने दो करीब
आप रहोगे कभी ना गरीब।

हम ने पा लिया
फिर उसे खो दिया
क्या था तुम्हारा जो हाथ लग गया?
सब कुछ तो चला गया, तू देखता ही रह गया।

समज ले अभी भी वक्त है!
यह सत्य हकीकत है
सही रास्ता तो इबादत ही है
हम सब को इसकी आदत डालना है।

ये इश्क़, ये नजारा, हमारे क्या काम के?
ये सब तो है बिन काम के
वक्त निकलते ही इन्होंने अपनी असलियत खो देना है
हमने फिर वोही बेढंगी चाल चलते रहना है।

अब वक्त नहीं मेरे आका
कैसे मिलेगा अब मौक़ा?
मेरी अक्कल का तो निकल चूका है दिवाला?
अब तो तू ही है सम्हालने वाला।

Pic- Alpa Negi

अब तो तू ही है Ab To Tu Hi
Saturday, October 8, 2016
Topic(s) of this poem: poem
COMMENTS OF THE POEM
Mehta Hasmukh Amathalal 08 October 2016

welcome alpa negi Unlike · Reply · 1 · Just now 5 hours ago

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Mehta Hasmukh Amathalal 08 October 2016

xAlpa Negi Great writer... 39 minutes ago

0 0 Reply
Mehta Hasmukh Amathalal 08 October 2016

अब वक्त नहीं मेरे आका कैसे मिलेगा अब मौक़ा? मेरी अक्कल का तो निकल चूका है दिवाला? अब तो तू ही है सम्हालने वाला। Pic- Alpa Negi

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