अच्छी तमन्ना.. Achchhi Poem by Mehta Hasmukh Amathaal

अच्छी तमन्ना.. Achchhi

Rating: 5.0

अच्छी तमन्ना
रविवार, ७अप्रैल २०१९

किसने खोया किसने पाया
जब ना मिला तो दिल से रोया
प्रभु आपने दिया और वापस ले लिया
जो नहीं था हमारा, हमारे हाथ से चला गया।

ये है हमारी विचित्र मनोदशा
जगी रेहती है मन में आशा
जब काम नहीं होता तो मिलती निराशा
लोग मूकप्रेक्षक बनके देखते तमाशा

रहे दिल हमारा सदा निर्मल
खिलता रहे मन में कमल
गुलाब की तरह महेकता रहे
मानवजीवन सदा चमकता रहे।

यहां ही पाना और यहां ही गंवाना
ना साथ ले जाना सामान अपना
सभी को यहाँपर छोड़ जाना
रखो दिल में सदा अच्छी तमन्ना।

हसमुख मेहता

अच्छी तमन्ना.. Achchhi
Sunday, April 7, 2019
Topic(s) of this poem: poem
COMMENTS OF THE POEM
Mehta Hasmukh Amathalal 07 April 2019

यहां ही पाना और यहां ही गंवाना ना साथ ले जाना सामान अपना सभी को यहाँपर छोड़ जाना रखो दिल में सदा अच्छी तमन्ना। हसमुख मेहता Hasmukh Amathalal

0 0 Reply
READ THIS POEM IN OTHER LANGUAGES
Mehta Hasmukh Amathaal

Mehta Hasmukh Amathaal

Vadali, Dist: - sabarkantha, Gujarat, India
Close
Error Success