अगर तुमको बुलाऊ मैं
यकीं खुद पे दिलाऊँ मैं
हर एक वादा निभाऊ मैं
ना तुझको आजमऊ मैं
तो क्या तुम लौट आओगे
अगर तुमसे कहूँ ये मैं
तुम्हीं मेरी अब चाहत हो
तुम ही मेरी अब हसरत हो
तुम हो तो ही ये दिल है
तुम्ही इस दिल कि धड़कन हो
तो क्या तुम लौट आओगे
अगर तुमसे कहूँ ये मैं
के तुम बिन मैं अकेला हूँ
के सदियों से हूँ मैं तन्हा
तेरी यादों में खोया हूँ
जगाने मुझको ख्वाबों से
तो क्या तुम लौट आओगे
अगर तुमसे कहूं ये मैं
ज़िन्दगी तुम बिन अधूरी है
तुम हो तो सब कुछ है
नहीं कुछ भी ज़रूरी है
हर एक लम्हा बुलाने पर
मेरे इतना मानाने पर
तो क्या तुम लौट आओगे
अगर अब भी नहीं लौटे
ये आँखें अब तो रो देंगी
ये दिल भी फिर न धड़केगा
ये सांसे साथ खो देगी
मेरी दुनिया बसाने को
मुझे अपना बनाने को
तो क्या तुम लौट आओगे
तो क्या तुम लौट आओगे
भावना सिंह
beautiful.....................................dii u write really very well.. with full of emotions........... i also invie u to read my hindi poems...
deep feelings, very nice poem.i invite u to read my poems........wishing you luck...............
bahut hi badhiyaa.. kuchh chand panktiyaa aapki shaan me arj hai....10 ??? ??? ??? ? ????? ?? ?? ???? ?? ?? ??? ???? ?? ???? ?? ?? ????? ?? ??? ?? ???? ?? ?? ??? ?? ???? ?????? ????? ?? ??? ?? ?? ??? ???? ??? ?????? ???? ???? ?? ???? ???? ??? ???? ?? ???? ????? ?? ???? ??? ????? ?? ??? ???? ?? ???? ?? ?? ???? ?? ??? ??? ?? ??? ???? ?? ??? ??? ?? ??? ????
This poem has not been translated into any other language yet.
I would like to translate this poem
Nicely written bhavna :) I like it.. Keep doing good work.. Read some of my poems..