अपूर्ण जीवन.. Apurn Poem by Mehta Hasmukh Amathaal

अपूर्ण जीवन.. Apurn

अपूर्ण जीवन
मंगलवार, २५ दिसम्बर २०१८

आज पूरा संसार ख़ुशी से झूम रहा
प्रभु ईसु के जन्मदिन पर खुशियां मना रहा
कोई कोना खाली नहीं जहां उत्सव नहीं हो रहा
सब के दिलो में बस उत्साह समा नहीं रहा।

आधी रात को पूरा जगत जगमगा उठा
रौशनी ने सब के दिलों में करुणा का भाव था
गले मिलकर सब से अपनी ख़ुशी जाहिर की
एक दूसरे को अच्छे अवसर पर शुभकामनाए प्रकट की।

आज के ही दिन प्रभु नए रूप में प्रकट हुए
सभी को नए साल की शुभकामनाए दी
नए साल का आगाह नए सन्देश के साथ
अभिवादन के लिए सब ने ऊँचे किए हाथ।

वेर से वेर शमता नहीं
प्रेम के बिना ममता नहीं
प्रेम ही है जीवन का सन्देश
ना रहे मन में कोई अंदेश।

इसु आज भी अमर है
लाखों दिलों के प्रेरणास्वरूप है
मानवजात के लिए उनका सन्देश सम्पूर्ण है
उसके पालन वगर जीवन अपूर्ण है।

साभार: बायजान्टिने आर्ट

हसमुख मेहता

अपूर्ण जीवन.. Apurn
Tuesday, December 25, 2018
Topic(s) of this poem: poem
COMMENTS OF THE POEM
Mehta Hasmukh Amathalal 25 December 2018

इसु आज भी अमर है लाखों दिलों के प्रेरणास्वरूप है मानवजात के लिए उनका सन्देश सम्पूर्ण है उसके पालन वगर जीवन अपूर्ण है। साभार: बायजान्टिने आर्ट हसमुख मेहता

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Mehta Hasmukh Amathaal

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Vadali, Dist: - sabarkantha, Gujarat, India
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